2002 की सच्चाई

ये गोधरा कांड आखिर क्या है। टीवी पे बहुत सुना है, पर
असल में हुआ क्या था, आईये जानते हैं 27 फरवरी 2002-

साबरमती ट्रेन के S6 बोगी को गोधरा स्टेशन से 862 मीटर
की दूरी पर शान्ति पसंद लोगो द्वारा जला दिया गया
था.......जिसमे 58 मासूम , निहत्थे, निर्दोष रामभक्तो की
दर्दनाक मौत हो गयी.......उसमे 23पुरुष, 15 महिलाये, तथा
20 बच्चे थे। उनका"अपराध" केवल इतना था ........कि वे
"हिन्दू"थे......और श्रीराम जन्मभूमि अयोध्या से
तीर्थयात्रा करके लौट रहे थे। स्थानीय कांग्रेसी निगम
पार्षद हाजी बिलाल ( आजीवन कैद की सजा मुख्य
अभियुक्त)
भीड़ को ट्रेन के इंजन को जलाने का आदेश दे
रहा था और पास की मस्जिद से लाउडस्पीकर पर ये आदेश
दिया जा रहा था कि "मारो......काटो.... कोई काफ़िर
जिन्दा न बचे"........मुल्लो ने दरवाज़े बहार से बंद कर दिए
गये थे ताकि कोई बाहर न निकले.......S6 S7 वैक्यूम पाइप
काट दिए थे जिससे ट्रेन आगे ना बढ़ सके....... जो लोग
जलती ट्रेन से किसी तरह बाहर निकल भी आये तो उन्हें तेज़
हथियारों से काटकर मार डाला गया ।
गोधरा के एक
पेट्रोल पंप पर काम करने वाले 2 कर्मचारियों के अनुसार एक
दिन पहले ही कुछ लोग वहां से 140 लीटर पेट्रोल खरीद कर
ले गए थे।
साफ़ है की रामभक्तो को जिन्दा जलाने का ये
एक सुनियोजित षड्यंत्र था।
गुजरात दंगो की बात गोधरा
के बिना अधूरी है।
इस गोधरा कांड के बाद ही गुजरात में
दंगेशुरू हुए थे। जरा सोचिये, हमारा हाथ जरा सा आग पर
पड़ जाये तो हमें कितना दर्द होता है हम तुरंत अपना हाथ
वहां से हटा लेते हैं.....उनकी जगह खुद को रखकर सोचिये
कितना तडपे होंगे वो लोग वो मासूम बच्चे, औरतें , बुजुर्ग
वो व्यस्क जिन्हें पेट्रोल छिडककर ट्रेन में जिन्दा जला
दिया गया। अपनी जान बचाने के लिए कितना छटपटाये
होंगे ......लेकिनइन जल्लादो को नर पिशाचों को उन पर
जरा भी दया नही आयी। दंगो में मरने का शोक सभी
मनाते हैं ....... कोई बात नहीं याद रखना चाहिये ..... दंगे
भूलने के लिये नहीं होते .....पर .राम भक्तो को कोई नहीं
याद करता गोधरा में मरे 58 निर्दोष हिन्दुओ की .कोई
बात तक नही करता.....!!! ट्रेन जलाने के बाद कुछ स्थानीय
मुस्लिम नेताओ का बयान आया था मुस्लिम किसी को
बेवजह नहीं मारते.....राम भक्त तो विवादित स्थान पर
मन्दिर बनाने गये थे ,,इस लिए राम भक्तो की गलती थी ,,,,
जरा उनके परिवार वालो के बारे में सोचिये जिनके घर में
जली हुयी राम भक्त तीर्थ यात्रियों की लॉस पहुची
होगी ,फौलाद के बने हुए रेल के डिब्बे मोम बन कर पिघल गये
राम भक्त जल के कोयला बन के जल गये ,, लेकिन हमे क्या
जब हमारे घर में लॉस आएगी जली हुयी तब न हमें इस्लाम
का असली रूप पता चलेगा ,,इस पोस्ट की सेयर रुकनी नही
चाहिए हर पेज मुस्लिम,, सेकुलर बस गुजरात दंगो के लिए रोते
है गोधराकी जिक्र नही करते,,, इसमें आप ही सेयर के
माध्यम से लोगो को सच बता सकते हो ,,,अगर गोधरा में
जलने वाले हज यात्री होते तो..क्या बस गुजरात ही
जलता ?

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