कहा जा रहा है देश
भाजपा और हिन्दू संघठन आक्रामक हो जाएँ --
मीडिया चैनल्स और सिकुलर दलों पर हमला करें --- अब
हिन्दू संगठनो और भाजपा को धर्मान्तरण
या किसी भी हिंदुत्व के मुद्दे पर सुरक्षात्मक
होने की जरूरत नही है
बल्कि मीडिया चैनल्स और सिकुलर नेताओं के खिलाफ
पूरी तरह "आक्रामक" होने का समय आ गया है --
अंग्रेजी में कहते हैं Enough is Enough --- हिन्दुओं
पर मीडिया और इन फिरकापरस्त नेताओं का दमन अब बर्दाश्त
ना किया जाये और इन पर खुल कर हमला करके इन्हे बे-नकाब किया जाये
-- भाजपा और हिन्दू सगठनों के नेता इन चैनलों पर जाना बंद कर दें और
जाएँ तो खुल कर चैनलों से पूछा जाये कि ये हिन्दू
विरोधी बयानों पर चुप क्यूँ रहते हैं --इनसे पूछा जाये कि ---
--साधवी निरंजन ज्योति के बयान पर विधवा विलाप क्यूँ किया और
ओवैसी के भगवान राम और माता कौशल्या प्रति घृणित बयान पर
क्यूँ चुप थे ? --ओवैसी ने कहा भागवत ने
अबकी बार हिन्दू राष्ट्र की बात
की तो जमीन में गाड़ दूंगा --
मीडिया बताये क्यों नही दिखाया उसका बयान -- --
ओवैसी का बयान 80 करोड़ हिन्दुओं को क़त्ल करने
का मीडिया ने क्यूँ नही दिखाया-- --बड़े
ओवैसी का बयान पर कि पाकिस्तान के साथ युद्ध में भारत
का मुस्लमान पाकिस्तान के लिए लड़ेगा, मीडिया क्यूँ चुप था और
क्यूँ उस पर चर्चा नही की --- --सहारनपुर के
कांग्रेसी नेता इमरान मसूद
की मोदी की बोटी बोटी करने
की धमकी का वीडियो "जहरीला"
बता कर क्यूँ नही मीडिया ने दिखाया जबकि वरुण
गांधी के भाषण को जहरीला बता बता कर एक
महीना मीडिया दिखाया था - --आजम खान का बयान
कि "भारत माता डायन" है मीडिया ने क्यूँ
नही दिखाया --- -- मीडिया से पूछा जाये
कि ओवैसी भाई और इमरान मसूद या आजम खान,क्या तुम्हारे
बाप के साले हैं या उनसे डरते हो और या उनसे पैसा खाते हो ---खाते
हो तो हिसाब दो --- --हर वाकय में चैनल बलात्कार के
आरोपी के नाम "शिव कुमार" का महिमामंडन कर रहा है
मीडिया --मगर मुंबई के शक्ति मिल्स में बलात्कार के
चारों आरोपी मुस्लिम थे पर मीडिया उनके
कभी नाम नही लेता था और केवल
आरोपी कहता था जिसकी वजह से उनके नाम
कभी कभी सुनाई नहीं दिए ---
मीडिया बताये ये खुद "सिकुलर" क्यों हो गए ? ---आज तक
पैसों का लालच दे कर, बहका फुसला कर और धमकी दे कर
हज़ारों हिन्दुओं का धरम परिवर्तन कराया गया है कभी ईसाई
बना कर और कभी मुसलमान - मगर तब
मीडिया हमेशा चुप रहा --क्यूँ ? ये सवाल जोर दे कर पूछे
जाएँ और साफ़ कह दिया कि जवाब नही दोगे तो चर्चा आगे
नहीं चलेगी ---फिर भी जवाब ना मिले
तो स्टूडियो छोड़ का आ जाओ --कोई जरूरत नही है
बकवासबाज़ी में बैठने की --मगर
अपनी दृढ़ता हर हालत में दिखाने की जरूरत है
--- "आचरण सुधारो" के अंतर्गत मीडिया के खिलाफ हिन्दू
संगठन जंतर मंतर पर एक महीना धरना दें ---और
मीडिया की भर्तस्ना की जाये ---
ऐसा ही आक्रमण संसद में सिकुलर नेताओ को दिया जाये--
वो क्या संसद रोकेंगे, भाजपा सांसदों को संसद रोक देनी चाहिए
--- सरकार को चाहिए कि तुरंत विदेशों से आने वाले धन पर रोक लगाये
जो गैर हिन्दू धार्मिक सगठनों को आ रहा है, जिससे हिन्दुओं के धर्म
परिवर्तन पर रोक लगाई जा सके ---विपक्ष बोलता है तो बोलने दो
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